Examine This Report on पारद शिवलिंग

भगवान कुबेर धन एवं निधि के देवता हैं और कुबेर कुंजी के माध्यम से इनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यदि कोई जातक सच्चे मन से कुबेर कुंजी की आराधना करता है तो उसके भाग्य में वृद्धि होती है तथा जीवन धन एवं वैभव से परिपूर्ण रहता है। कुबेर कुंजी घर के मंदिर, तिजोरी एवं अलमारी में राखी जाती है। वहीं ऑफिस आदि में जहाँ से आर्थिक लेनदेन होता हो वहाँ पर भी कुबेर कुंजी को स्थापित किया जा सकता है। कुबेर कुंजी सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं को दूर करती है। करियर क्षेत्र में भी यह बेहद लाभकारी है। इससे जातक नई नौकरी, प्रमोशन, इंक्रीमेंट एवं अन्य प्रकार के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इससे आर्थिक जीवन भी मजबूत होता है।



नवग्रहों से जो अनिष्ट प्रभाव का भय होता है, उससे मुक्ति भी पारद शिवलिंग से प्राप्त होती है।

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इसकी स्थापना सोमवार के दिन चंद्र के होरा में करें।

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विशेष ह्याने त्रास होतात लोकांना. म्हणून नीट विचार करून जर देवाला वेळ देता आला तरच पुढील क्रिया करा नाहीतर हा लेख फक्त माहिती म्हणून वाचल्याचे समाधान असू द्यात.

यह घर के वातावरण को सुखमय और समृद्ध बनाता है।

त्यावर चंदन पावडर चा लेप करावा, शक्य असेल तर रोज एक बेल जरूर ठेवावा , अक्षता अर्पित करावी , आणि तुपाचा दिवा लावून कपूर पेटवून आरती ओवाळावी.

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जैसे- स्वयंभू शिवलिंग, नर्मदेश्वर शिवलिंग, जनेउधारी शिवलिंग, सोने और चांदी के शिवलिंग और पारद शिवलिंग. इनमें से नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और फलदायी मानी जाती है.

नांदेड पासून परभणी ७० कि.मी. अंतरावर आहे.

पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

शिवलिंग की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बर्तन में शुद्ध जल भरकर उसमे शिवलिंग को रखे और उसका नियमित रूप से अभिषेक करना चाहिए।

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